SHARAD - BY HEART
Poetry, Gazal, Shayari, Song, thought
Saturday, 3 July 2010
शायरी
सुकून नहीं मिलता एक गर्दिश-ऐ-जहाँ में,
तन्हाईयोमे भी यादो की भीड़ लगी रहेती है,
जर,जोरू,जमीन की जद्दोजहेत में मशरूफ है आदमी,
इंसान बनने के लिए वक़्त की कमी रहेती है,
1 comment:
सूर्यकान्त गुप्ता
said...
सही फ़रमाया आपने।
5 July 2010 at 22:05
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सही फ़रमाया आपने।
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