SHARAD - BY HEART
Poetry, Gazal, Shayari, Song, thought
Friday, December 24, 2010
"दर्द-ए-शायरी"
"आँखों ने चूका दिया मोती बिखेर कर,
कर्ज था बहोत दर्द का दिल पर!"
"दर्द दिल का ही दवा बन गया वरना,
हकिम लूँट लेते बाकी बचे अरमानो को!"
"अगर कुछ लब्ज़ मिसरी से मिला देते,
हम जहर भी चाय समझ कर पी लेते!"
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