Monday, 12 July 2010

शायरी

"तेरी आँखों के जरिये दिल में उतरना चाहते थे हम,
तेरी जुल्फों की रेशमी छाव में सोना चाहते थे हम,
हमको जलाया तेरी बेरुखी ने वरना,
तेरी मोहाब्बत की आग में जलना चाहते थे हम"

6 comments:

सुधीर राघव said...

dil ko chone vali, bahut khoob


पॉल बाबा का रहस्य आप भी जानें
http://sudhirraghav.blogspot.com/2010/07/blog-post_10.html

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा!

आचार्य उदय said...

सुन्दर।

Sunil Kumar said...

शेर अच्छा लगा

पूनम श्रीवास्तव said...

shekhar ji,
aapki shayari bahut hi achchi lagi.
poonam

पूनम श्रीवास्तव said...

sharad ji,
aapki shayari bahut hi achchi lagi.
poonam