मस्त रहेते थे मस्तीमे मस्ताने की तरह,
सजी रहेती थी महेफिले मयखानों की तरह,
वह मिला हमसे कभी अनजाने की तरह,
जिसके चहेरे पर मर मिटे परवाने की तरह,
लेते थे जिसका नाम हरपल दीवाने की तरह,
छलकती थी आँखे यादमे पयमाने की तरह,
जिसके ख्वाबो को संभाला था खजाने की तरह,
जिसके बिन राते लगती थी विराने की तरह,
रहेता था वह साँसोंमें गुनगुनाने की तरह,
भूल गया वह हमें "एक अफसाने" की तरह.......
सजी रहेती थी महेफिले मयखानों की तरह,
वह मिला हमसे कभी अनजाने की तरह,
जिसके चहेरे पर मर मिटे परवाने की तरह,
लेते थे जिसका नाम हरपल दीवाने की तरह,
छलकती थी आँखे यादमे पयमाने की तरह,
जिसके ख्वाबो को संभाला था खजाने की तरह,
जिसके बिन राते लगती थी विराने की तरह,
रहेता था वह साँसोंमें गुनगुनाने की तरह,
भूल गया वह हमें "एक अफसाने" की तरह.......
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