कोई सदा (आवाज़) मेरे कानो में गूंज रही है,
शायद कोई मुझे पुकारता होगा,
जिस तरह में बेकरार हु तन्हाई में,
कोई मेरी जुदाई में भी तड़पता होगा...............० कोई सदा ०
सोंधी सोंधी खुशबु आ रही है,
किसी आखो से सावन बरसता होगा,
कही क़यामत ही न हो जाए,
ये सोच का र किसी दिल दहेलता होगा............० कोई सदा ०
कातिल लगता है ये खुशनुमा मौसम,
कोई पल पल कहीं मरता होगा,
में जी रहा हूँ ये सोच कर,
मेरी यादो के सहारे कोई जीता होगा..............० कोई सदा ०
कमबख्त बादल गरजता है यूँ,
किसी का दिल जोरो से धड़कता होगा,
बिजलिया गमो की गिरा कर,
आसमान भी अपने किये पर रोता होगा.........० कोई सदा ०