क्यों उदास है तु?....... क्यों उदास है तु?
किसी ख्वाब को टूटते तुने देखा है कँही,
उसके टूटने की खनक सुन रही है तु,
तेरी जुल्फों की लहेराती हुई लटे,
बिखर रही है तेरे चहेरे के चारसू,
सुनी सड़क पर चल रही बेखबर,
गुम हो गयी है कँही तेरी आरजू,
मै तेरी एक झलक देखता ही रहा,
घुल रही हो हवाओ में जैसे खुश्बू,
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