Sunday, 21 June 2020














आज फिर एक मौत की खबर सुनी,
आज फिर एक बार आसमान जम के रो  दिया,

काली शाही लपेटे रात फिर सो गयी,
टुटा तारा कोई, न जाने कही फिर खो गया!